वाटरप्रूफिंग समस्याएं एवं समाधान | Waterproofing Problems and Solutions




घरों में पायी जाने वाली 8 प्रकार की वाटरप्रूफिंग समस्याएं एवं समाधान (Top 9 Types of House Waterproofing Problems and solutions)

वाटरप्रूफिंग भवन की छतों, नींव एवं दीवारों से भीतरी भवन संरचना में नमी प्रवेश करने से रोकने की विधि है। भवन निर्माण के दौरान वाटरप्रूफिंग की प्रक्रिया को अपनाया जा सकता है। जिससे भविष्य में भवन की छत,दीवारों एवं फर्श से पानी रिसाव होने की समस्या उत्पन्न न हो।
वाटरप्रूफिंग की प्रक्रिया भवन निर्माण की फिनिशिंग से पूर्व करने से दीवारों एवं छतों से पानी रिसने की समस्या से बचा जा सकता है। बहरी वातावरण या लगातार पानी के उपयोग से भीगे रहने वाले क्षेत्र जैसे - बाथरूम, रसोईं, वाटरटैंक के नीचे वाले छत, बालकनी, बहरी दीवारें आदि में वाटरप्रूफिंग की आवश्यकता पड़ने की सम्भावना ज्यादा होती है। इन क्षेत्रों के मामूली पानी के रिसाव को नजरअंदाज करना घर की संरचनात्मक मजबूती को कमजोर कर सकता है। नमी के प्रभाव से घर में प्रयुक्त लकड़ीयां सड़ सकती है और धातु के पाइप, फिटिंग्स आदि में जंग लगने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इन समस्याओं से बचने के लिए वाटरप्रूफिंग का प्रयोग घर में नमीयुक्त स्थान के आधार पर करवाने की जानकारी होना आवश्यक है। इस लेख में वाटरप्रूफिंग की समस्या और समाधान की जानकारी देखेंगे।

घर में सामान्यता पायी जाने वाली वॉटरप्रूफिंग की समस्या

क्रैक्ड प्लास्टर (Cracked Plaster)

क्रैक्ड प्लास्टर की समस्या आमतौर पर दीवारों पर प्लास्टर के सूखने, फैलने या सिकुड़ने, मरम्मत के दौरान सीमेंट एवं रेत के गलत अनुपात का प्रयोग, तापमान में बदलाव से उत्पन्न कम्पन आदि कारणों से दीवारों के प्लास्टर में क्रैक की समस्या आ जाती है।

समाधान

  • क्रैक्ड प्लास्टर वाले सतह को ड्रिलिंग मशीन के उपयोग से ड्रिल करने माध्यम से थोड़ा चौड़ा करें।
  • फिर दरारों में ऐक्रेलिक कंडीशनर का स्प्रे-पंप करें और सूखने दें।
  • फिर दरारों में चिपकने वाले प्लास्टर मैजिक ग्लू को इंजेक्ट करें।
  • इसके बाद प्लास्टर में पड़े दरारों के दोनों तरफ ड्राईवाल स्क्रू का प्रयोग करें।
  • 1 -2 दिनों तक ग्लू को अच्छी तरह दरारों में जमने तक छोड़ दें।
  • अब जॉइंट कंपाउंड की सहायता से क्रैक्ड प्लास्टर वाली सतह को भरें और सूखने के लिए छोड़ दें।
  • इसके बाद सैंड पेपर से सतह को समतल करने के बाद प्राइमर और पेंटिंग की प्रक्रिया पूरी करें।

नमी के कारण हेयरलाइन क्रैक्स आना (Hairline Cracks Due To Humidity)

उच्च गुणवत्ता वाला प्लास्टिक-इलास्टिक ऐक्रेलिक सीलेंट हेयरलाइन या मकड़ी जाल जैसी दरारें दरारों को सील करने के लिए प्रयोग किया जाता है। स्मार्टकेयर क्रैकशील्ड ऐसी दरारों को भरने का सबसे कारगर समाधान है।

ऐक्रेलिक सीलेंट से दरारों को भरने की प्रक्रिया

  • 5 मिलीमीटर से कम चौड़ी दरारें दीवारों के प्लास्टर में पायी जाने वाली हेयरलाइन क्रैक्स होती हैं
  • हेयरलाइन की दरारों को छेनी या काटने वाले पहिये का उपयोग करके कम से कम 3 मिमी तक चौड़ा किया जाता है।
  • दरारों को ब्रश या वैक्यूम मशीन की तेज हवा के प्रयोग से धूल के कणों की सफाई करने के बाद सीलेंट से भरा जाता है
  • इसके बाद सतह को सैंडपेपर से बराबर करने के बाद पुनः पेंट की प्रक्रिया पूरी की जाती है।
दीवारों पर हेयरलाइन क्रक्स की समस्या सबसे अच्छा उपाय स्मार्टकेयर क्रैकशील्ड है। स्मार्टकेयर क्रैकशील्ड उत्पाद ग्लास फाइबर की एक शीट होती है, जिसे प्राइमर कोटिंग्स के बीच लगाया जाता है जो कि इंटीरियर और एक्सटेरियर दोनों दीवारों पर मकड़ी के जाले जैसी हेयरलाइन दरारों को दिखने से रोकने में सहायक होती है।

छत से पानी रिसाव की समस्या (Water Leakage Problem From Roof)

फर्श, छत के डेक और छत जैसी समतल सतह को बनाने के लिए कंक्रीट से बने स्लैब का प्रयोग किया जाता है। स्लैब से पानी रिसाव की समस्या उत्पन्न होने का कारण छत के स्लैब पर पानी निकासी के पाइप का अवरुद्ध होना अथवा बारिश के पानी निकासी के लिए उचित ढलान न होना है।
इसके अतरिक्त टैंक, पाइपलाइन, डिश एंटेना, आदि स्थापित करते समय छत में पड़ने वाली दरारों की वजह से भी पानी का रिसाव छत में हो सकता है।

समाधान

पॉलीयुरेथेन वॉटरप्रूफिंग (Polyurethane Waterproofing)

छत से पानी रिसाव की समस्या का सबसे प्रभावी हल पॉलीयुरेथेन वॉटरप्रूफिंग उपचार के द्वारा किया जा सकता है।
पॉलीयुरेथेन रसायन दो घटकों पॉलीओल और आइसोसाइनाइड से बना होता है। इन दोनों के विशिष्ट अनुपात के संयोजन से बने तरल पदार्थ की कोटिंग से कंक्रीट में आयी दरारों को भरने के लिए प्रयोग किया जाता है।

ब्लिस्टरिंग वॉटरप्रूफिंग (Blistering Waterproofing)

लगातार नमी बने रहने वाले स्थानों के दीवारों के पेंट फूल / ब्लिस्टर्स पड़ने की समस्या पैदा हो जाती है मॉइस्चर के कारण पेंट में मौजूद आसंजन यानी पेंट को दीवारों की सतह से जोड़ने वाले पदार्थ नष्ट होने लगता है परिणामस्वरूप दीवारों के पेंट या प्लास्टर में फफोले दिखने लगते हैं।

समाधान

  • ब्लिस्टर्स प्रभावित सतह की प्रत्येक पर्त को धीरे से हटा दें।
  • फिर दीवार की सतह को साफ करने के बाद सीलन आने के स्त्रोत को ताजे प्लास्टर के माध्यम से सील करें।
  • इसके बाद सैंडिंग की प्रक्रिया से सतह को एकसार करें।
  • फिर प्राइमर- सीलर का प्रयोग करें।

दीवार से पानी का रिसाव (Wall Seepage)

दीवारों में पानी के रिसाव का कारण वाटर सप्लाई की पाइप में छिद्र होना है इसके अतिरिक्त भारी वर्षा और अन्य जलवायु संबंधी खतरों के कारण अक्सर इमारतों और घरों की दीवारों पर दरारें पड़ जाती हैं। परिणामस्वरूप पानी का रिसाव होने से दीवारों में नमी आ जाती है।

समाधान

  • दीवारों में नमी और रिसाव को रोकने के लिए सभी खुली सतहों, जैसे बाहरी दीवारों और चारदीवारी को वॉटरप्रूफिंग सीलेंट के साथ मिश्रित सीमेंट प्लास्टर करना चाहिए।
  • अच्छी गुणवत्ता वाले जल प्रतिरोधी पेंट का उपयोग करें।
  • पानी सप्लाई वाली पाइपों की वॉटरप्रूफिंग के लिए ग्राउटिंग की प्रक्रिया अपनाना चाहिए।
  • दीवार में रिसाव को रोकने के लिए बाहरी दरारों मरम्मत वाइट सीमेंट से करें।

दीवारों से पेंट की पर्त उखड़ना (Wall Flaking)

दीवारों की सतह पर अत्यधिक नमी मौजूद होने, दीवारों को पेंट करने से पूर्व पुराने पेंट को ठीक तरह से नहीं उतारने या ऑयल पेंट के ऊपर लेटेक्स पेंट का उपयोग करने के कारण सतह से पेंट को चिपकाने वाले पदार्थ ढीला पड़ने लगता है परिणामस्वरूप पेंट झड़ने की समस्या उत्पन्न होने की समस्या बढ़ जाती है।

समाधान

  • परतदार पेंट को रगड़कर साफ करें।
  • दिवार की सतह पर मौजूद छेद या दरार की मरम्मत पुट्ठी के प्रयोग से करें।
  • सैंड पेपर की मदद से सतह को चिकना और साफ करें।
  • इसके बाद वाल प्प्राइमर का प्रयोग करने के बाद फिर से प्रभावित दीवार को पेंट करें।

दीवार पेंट चॉकिंग/ Chalking की समस्या (Chalking of Wall Paint)

बाहरी दीवारों से पेंट चॉकिंग होने का मुख्य कारण लगातार सूर्य के अल्ट्रावायलेट किरणों के संपर्क में आना है। सूर्य की यूवी किरणें पेंट में बाइंडर या रेसिन के संगठन को ढीला कर देती हैं। फलस्वरूप दीवार पेंट पाउडर की तरह छूटने लगते हैं। इसके अतिरिक्त पेंट बाइंडर का वायुमंडल में उपस्थित ऑक्ससीजन के साथ प्रक्रिया के फलस्वरूप ऑक्ससिकरण के कारण पेंट चॉकिंग की समस्या आती है।

समाधान

  • दीवार पेंट चॉकिंग की गंभीर समस्या होने पर सतह को पानी, ब्रश और डिटर्जेंट पाउडर के प्रयोग से अच्छी तरह धो लें।
  • हल्की चॉकिंग की समस्या होने पर दीवार की सतह को तार ब्रश या सैंड पेपर के उपयोग से धोया जा सकता है।
  • फिर कम से कम 24 घंटे के लिए दीवार को अच्छी तरह सूखने तक छोड़ दें।
  • अच्छी तरह सूखने के बाद भी पेंट उँगलियों में लगने की दशा में पेंट योजक मिश्रित वाटर बेस्ड पेंट की एक कोटिंग करें, ताकि पेंट फिल्म सतह की पेंट चाक के साथ बंध जाए।
  • इसके बाद एल्केड-आधारित चिनाई प्राइमर का उपयोग करें।
  • फिर उच्च गुणवत्ता वाले पेंट के शीर्ष कोट का प्रयोग करें।

सीलन की समस्या (Seelan or Dampness)

भवन में सीलन का मुख्य कारण बेसमेंट या इमारत के ग्राउंड फ्लोर के नीचले हिस्से का नमी से प्रभावित होना, वाटर सप्लाई पाइपों में लीकेज या छत / खिड़की के फ्रेम के आसपास बारिश के पानी रिसाव होना है।

समाधान

  • बेसमेंट या इमारत के ग्राउंड फ्लोर में नमी की समस्या को दूर करने के लिए जलरोधी चिनाई सामग्री का प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए भवन के चारों तरह की फर्श की एक पंक्ति के ईंटो को हटाकर जलरोधक मोर्टार डालकर नमी प्रूफ कोर्स / डीपीसी की पर्त को जोड़ाजा सकता है।
  • वाटर सप्लाई पाइपों में लीकेज या छत / खिड़की के फ्रेम के आसपास की दरारों को वाटरप्रूफ सीलेंट या जलरोधी प्लास्टर से मरम्मत किया जा सकता है।


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04-Dec-2023
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