मकान बनवाते समय ईंटों की जुड़ाई में प्रयोग की गए सीमेंट एवं बालू के सही अनुपात का ध्यान न रखने, टाइल्स लगाने में लापरवाही बरतने आदि कारणों से मकान की छत और बाहरी दीवारों में महीन दरार पड़ने की समस्या पैदा होती है।
दरअसल मकान की छत एवं बाहरी दीवारे बदलते मौसम से झूझती रहती हैं। मकान की उपरी छत और बाहरी दीवारों में बरसात के दिनों में पानी सोखने के कारण नमी बनी रहती है। जो गर्मियों की तेज धूप के कारण दरार पड़ने का कारण बन जाती हैं।
इन दरारों में बरसात का पानी रिसने से सीलन की समस्या हो जाती है अथवा पानी लगातार रिश्ते रहने के फलस्वरूप छत से पानी टपकने की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इन समस्यों का समाधान वाटरप्रूफिंग से सम्भव है।
आइये देखें मकान के विभीन्न हिस्सों में पानी रिसाव/सीलन से सुरक्षा के लिए वाटरप्रूफिंग की समस्या एवं समाधान की जानकारी।
रासायनिक यौगिकों के प्रयोग से भवन की संरचना को जलरोधी बनाने की प्रक्रिया को वाटरप्रूफिंग कहते है। वाटर प्रूफिंग भवन की छतों, दीवारों, बालकनी,बेसमेंट को सीलन मुक्त रखने का एकमात्र समाधान है। भवन में पानी रिसाव की सतह एवं समस्या की गंभीरता के आधार पर वाटरप्रूफिंग के उत्पाद एवं विधि का चुनाव किया जाता है।
वाटरप्रूफिंग दो प्रकार से की जाती है :
वाटर प्रूफिंग भवन के उन सभी हिस्सों में करवाना आवश्यक है, जहाँ से पानी रिसाव की आशंका हो खासतौर से भवन के फर्श के नीचे की सतह, ज्यादातर नमी बनी रहने वाले स्थान जैसे - बालकनी,बाथरूम,रसोईघर,छत, बाहरी दीवार, कंक्रीट से बनी छत के ऊपर पानी की टंकी की नीचली सतह आदि। आइये देखें मकान में वाटरप्रूफिंग की समस्या के आधार पर समाधान करने की विधि।
मकान की पुरानी छत,बेसमेंट,बाथरूम,रसोईघर आदि में वाटरप्रूफिंग करने के लिए इंजेक्शन ग्राउटिंग विधि को अपनाया जाता है। इस विधि में उच्च दबाव से वाटरप्रूफिंग रसायन को कंक्रीट की दराओं में भरने के लिए उपयोग किया जाता है।
इस विधि का प्रयोग 2-3 mm मोटी सतह जैसे- मकान की छत की वाटरप्रोफिंग के लिए उपयोग किया जाता है।
इस विधि का उपयोग मुख्यतः फर्श की वाटरप्रूफिंग के लिए किया जाता है।
इस विधि का उपयोग मकान की बाहरी दीवार की वाटरप्रूफिंग के लिए किया जाता है। इसमें बेंटोनाइट क्ले वाटरप्रूफिंग रसायन का प्रयोग किया जाता है।
इस प्रकार के वाटर प्रूफिंग उत्पाद/रसायन को पेंट में मिलाकर उपयोग किया जाता है। इसका प्रयोग घर की नयी छतों, बहरी दीवारों में पड़ी दरारों को भरने के लिए उपयोग किया जाता है।
आंतरिक और बाहरी सीलेंट का उपयोग दरवाजे, छज्जा, रूफ वॉटरप्रूफिंग, टैरेस वॉटरप्रूफिंग, खिड़कियां और काउंटरटॉप्स सहित लगभग किसी भी चीज को सील करने किया जा सकता है।