सामान्यतः रेत, सीमेंट, पानी के मिश्रण से तैयार तरल पदार्थ अथवा वाटर प्रूफिंग के लिए रासायनिक पदार्थ के मिश्रण से तैयार तरल पदार्थ को ग्राउट कहते हैं। किन्तु कंक्रीट ब्लाकों के कोर जैसे बड़े जगहों को मजबूती प्रदान करने के लिए रेत, सीमेंट, पानी के साथ ग्राउट में बजरी का उपयोग भी किया जाता है।
ग्राउट सामग्री का उपयोग विभिन्न प्रकार से भवन निर्माण के वक्त भवन के ढाचें को मजबूती प्रदान करने के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त भवन की छतों एवं बाहरी दीवारो में पानी रीसने की समस्या को दूर करने के लिए और फर्श एवं दीवारों में लगने वाली टाइल्स को जोड़ने के लिए भी ग्राउट का उपयोग किया जाता है। इसी ग्राउट सामग्री को विभिन्न प्रकार से पाइल फाउंडेशन, ग्राउंड एंकर, अंडर रीमिंग, बांध निर्माण, सड़क निर्माण आदि उपयोग करने की विधि को ग्राउटिंग कहते हैं। आइये देखें ग्राउटटिंग से सम्बंधित विस्तृत जानकारी।
ग्राउट को कंक्रीट की दरारों की मरम्मत, टाइलों में अंतराल को भरने, जोड़ों को सील करने और मिट्टी के स्थिरीकरण आदि के लिए उपयोग करने की विधि को ग्राउटिंग कहते हैं।
भवन की नींव और संरचना को अतिरिक्त मज़बूती प्रदान करने लिए ग्राउटिंग का प्रयोग किया जाता है।ग्राउटिंग का उपयोग कंक्रीट की दरारों की मरम्मत, टाइलों में अंतराल को भरने, जोड़ों को सील करने और मिट्टी के स्थिरीकरण के लिए भी किया जाता है।
भवन निर्माण में,पाइल फाउंडेशन, ग्राउंड एंकर, अंडर रीमिंग, बांध निर्माण, सड़क निर्माण,तथा भवन की वाटरप्रूफिंग (waterproofing) आदि के आधार पर ग्राउटिंग की सामग्री को अलग -अलग तरीके से तैयार किया जाता है।ग्राउटिंग के प्रकार निम्नलिखित हैं :
सिमेंट ग्राउटिंग का उपयोग उच्च पारगम्यता (permeability) वाले ज़मीन के लिए किया जाता है इसके लिए पानी, रेत और सिमेंट के प्रयोग से ग्राउट तैयार किया जाता है।
सिमेंट ग्राउटिंग का प्रयोग पुलों, समुद्री अनुप्रयोगों, बाँधों एवं रॉक एंकर जैसे अनेक प्रकार की संरचना के जमाव/स्थिरीकरण एवं मज़बूती प्रदान करने के लिए किया जाता है।
ग्राउटिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले क्षेत्र के चारों ओर एक निर्धारित त्रिज्या में छेद बोरिंग पाइप के माध्यम से किया जाता है।इसके बाद ग्राउट सामग्री को तरल रूप में उच्च दबाव के प्रेशर के साथ छेद में भरने के लिए इंजेक्ट किया जाता है। ग्राउट सामग्री के दलदलापन को आवश्यकता अनुसार पानी -सिमेंट के अनुपात को कम करके बढ़ाया जाता है। इसके बाद क्षेत्र की पूर्णतया ग्राउटिंग सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिक छिद्रों के बीच एक दूसरा छिद्र करके ग्राउटिंग प्रक्रिया को पूरा किया जाता है।
केमिकल ग्राउटिंग पर्मीएशन (permeation) ग्राउटिंग का एक रूप है।इस प्रकार की ग्राउटिंग मिश्रण में आमतौर पर एक्रिलामाइड्स, पॉलीयुरेथेन, एक्रिलेट्स, एपॉक्सी और सोडियम सिलिकेट्स शामिल होता किया जाता हैं।
कैमिकल ग्राउट का प्रयोग व्यापक रूप से खानों, सुरंगों, भूमिगत टैंकों, लिफ्ट शाफ्ट, और भूमिगत नाली और पाइप के आसपास जल रिसाव को रोकने के लिए किया जाता है।
कमिकल ग्राउटिंग मुख्यतः दो प्रकार से की जाती है :
इस प्रक्रिया में पाइप को ड्रिल करने के माध्यम से ज़मीन में डाला जाता है। इसके बाद पाइप के माध्यम से एक के बाद एक कमिकल युक्त सामग्री को ज़मीन की मिट्टी के अंदर पहुँचाने पर कमिकल रीऐक्शन की प्रक्रिया से मिट्टी तीव्र गति से ठोस रूप ले लेती है।
इस विधि में ग्राउटिंग सामग्री के रासायनिक मिश्रण को पहले से तैयार करने के बाद ज़मीन के अंदर डाला जाता है। इस प्रक्रिया में संरचना को सख़्त रूप लेने में वक़्त लगता है। कमिकल ग्राउटिंग की वन -शॉट प्रक्रिया का उपयोग बोरहोल के लिए किया जाता है।
खनन किए जाने वाले स्थान पर एक संरचना का निर्माण किया जाता है। इस कंक्रिट और चट्टानों की संरचना और खनन सामग्री के बीच के ख़ाली स्थान को भरने के लिए स्ट्रक्चरल ग्राउटिंग का उपयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त भूमिगत सुरंगों में चट्टानों में आयी दरारों एवं चट्टानों के जोड़ों को भरने के लिए भी स्ट्रक्चरल ग्राउटिंग का प्रयोग किया जाता है।
स्ट्रक्चरल ग्राउटिंग आमतौर पर सुरंगों और भूमिगत संरचनाओं में किया जाता है।
बेंटोनाइट ड्रिलिंग मिट्टी या रोटरी ड्रिलिंग में उपयोग किए जाने वाले तरल पदार्थ में प्रमुख घटक है। ग्राउटिंग सामग्री के रूप में सोडियम बेंटोनाइट की उपयुक्तता हाइड्रेटेड होने पर इसकी सूखी मात्रा का 15 गुना हो जाती है।
सोडियम बेंटोनाइट ग्राउट को विशेष रूप से उपयोग में में न आने वाले कुएँ के मुँह को ढकने का ढक्कन बनाने, मिट्टी के बने संरचनाओं की सीलिंग और वोटर प्रूफ़िंग के लिए उपयोग किया जाता है। उच्च मॉन्टमोरिलोनाइट सामग्री और पानी सोखने पर फूलने की विशेषता के कारण इस ग्राउट का उपयोग कुएं के निर्माण के दौरान बनाए गए बोरहोल के बीच कुंडलाकार स्थान की ग्राउटिंग के लिए उपयुक्त रहता है।
हॉट बिटुमेन ग्राउटिंग एक विशेष प्रकार का ग्राउटिंग है जिसमें पिघला हुआ गर्म कोरताल ग्राउटिंग सामग्री के रूप में उपयोग किया जाता है।
हॉट-बिटुमेन ग्राउटिंग का उपयोग अक्सर उच्च मात्रा में भूमिगत जल प्रवाह को काटने के लिए किया जाता है। हॉट बिटुमेन ग्राउट की प्रमुख विशेषता इसकी तापमान पर निर्भर चिपचिपाहट है।
एपॉक्सी ग्राउट्स को रिएक्टिव रेसिन ग्राउट्स के रूप में भी जाना जाता है।इस प्रकार के ग्राउटिंग सामग्री को सीमेंट-आधारित मिश्रण से बनाया जाता है। यह जलरोधक नहीं होता है किंतु गीला होने पर पानी को अवशोषित करने की क्षमता रखता है। सिरेमिक टाइल्स को जोड़ने के लिए एपॉक्सी ग्राउट का उपयोग सर्वोत्तम है
इस प्रकार की ग्राउटिंग का उपयोग अस्पतालों, वर्कटॉप्स और खाद्य उत्पादन सुविधाओं जैसे स्थानों में स्वच्छता की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए किया जाता है।
ग्राउटिंग के लिए आधारभूत तैयारी Substrate Preparation
यांत्रिक तकनीकों जैसे उच्च दबाव वाटर जेटिंग, ब्रेकर, ब्लास्ट क्लीनिंग, स्क्रैबल्स आदि के द्वारा ग्राउटिंग की आधारभूत व्यवस्था सुनिश्चहित की जाती है। इसके बाद कांक्रीट की परत को 2-6 घंटे तक लगातार साफ़ पानी से भिगाना होता है। जिससे ग्राउटिंग प्रक्रिया के दौरान एक पानी सोख चुकी कंक्रिट की सुखी परत तैयार हो जाए।
सतह पर फैलने/बहने योग्य मिश्रण का अनुपात
पानी: पाउडर = 0.14 से 0.16 वजन के हिसाब से (4.2 लीटर से 4.8 लीटर पानी प्रति 30 किलो बैग)।
सतह पर डालने योग्य मिश्रण का अनुपात
पानी: पाउडर = 0.12 से 0.14 वजन के हिसाब से (3.6 लीटर से 4.2 लीटर पानी प्रति 30 किलो बैग)।
ग्राउट पाउडर को यंत्र की सहायता से सही अनुपात में पानी के साथ कम गति (अधिकतम 500 आरपीएम) इलेक्ट्रिक ड्रिल के साथ मिलाएं, ताकि बहुत अधिक हवा का प्रवेश मिश्रण में न होने पाए।
लगभग 80 से 90% पानी मिक्सिंग ड्रम में डालें। फिर बचा हुआ पानी डालें।
वांछित स्थिरता और प्रवाह योग्यता के आधार पर, मिश्रण अनुपात को समायोजित किया जा सकता है। कंक्रीट टिल्टिंग मिक्सर का प्रयोग न करें।
तैयार सतह पर ग्राउट मिश्रण तुरंत डालें जिससे ग्राउट में विस्थापित हवा आसानी से निकल सके अन्यथा ग्राउट में फाँसे हुये हवा के बुलबुले ग्राउटिंग की सतह पर पकड़ मज़बूत बनाने में बाधा उत्पन्न करेगी।
गीला झरझरा सब्सट्रेट संतृप्त सतह सूखी स्थिति में बेस प्लेट आदि को ग्राउट करते समय, सुनिश्चित करें कि ग्राउट को प्रवाहित रखने के लिए एक निरंतर और पर्याप्त दबाव बना रहे।
ग्राउट का सतह पर अच्छी तरह फैलने और सतह पर पकड़ मज़बूत बनाने के प्रयोग को सुनिश्चहित करने के लिए
जितनी जल्दी हो सके (अधिकतम 15 मिनट के भीतर) ग्राउट को डालने के लिए उपयोग करें।