Distemper Paint VS Plastic Paints डिस्टेंपर VS प्लास्टिक पेंट

distemper paint and plastic paint pic

 

Distemper Paint VS Plastic Paints डिस्टेंपर VS प्लास्टिक पेंट

घर की दीवारों एवं छत को जीवन्त बनाने के लिए  विभिन्न रंगों से पेंट किया जाता है। पेंट करने का सबसे पुराना तरीका डिस्टेंपर पेंट है। ये पानी मिलाकर तैयार किया जाता है। आज बाज़ार में पानी ,तेल एवं लाटेक्स बेस्ड पेंट उपलब्ध हैं। आयल एवं लाटेक्स आधारित पेंट हजारो शेड्स में उपलब्ध होने के साथ हीं टिकाऊ एवं शानदार फिनिश भी देते हैं। ये पेंट महँगे होते हैं। किन्तु बार -बार पेंट करवाने के झंझट से छुटकारा भी दिलाने में सक्षम होते हैं। एक बार पेंट करवाने के बाद पाँच वर्ष तक पेंट करवाने की जरुरत नहीं पड़ती है। इसके अलावा इन पेंट्स से दीवारों की रंगाई करवाने पर यदि कोई दाग-धब्बे लग जाए तो आसानी से साफ़ किये जा सकते हैं। आज हम इस लेख के माध्यम से डिस्टेंपर पेंट एवं प्लास्टिक पेंट में अंतर की जानकारी आपके साथ शेयर करेंगे।

डिस्टेंपर पेंट क्या है Distemper Paint Kya Hai

डिस्टेंपर पेंट

डिस्टेंपर पेंट खड़िया, जेलाटीन, नील, सुहागा /फिटकरी और पानी मिलाकर तैयार किया जाता है। जिसे आम बोल- चाल  की भाषा में सफेदी भी कहा जाता है। डिस्टेंपर पेंट बाज़ार में सूखे पाउडर एवं लिक्विड पेंट दोनों तरह के मिलते हैं।  ये पेंट पानी से आसानी से धुले जा सकते हैं। जिसके कारण इसे घर के भीतरी दीवारों को रंगने के लिए हीं प्रयोग किया जाता है।

बाहरी दीवारों को रंगने के लिए प्रयोग किया जाने वाले डिस्टेंपर पेंट में तेल की मात्रा होती है। डिस्टेंपर पेंट को रंगीन बनाने के लिए रंजक (डाई ) का प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त इसे लिक्विड बनाने के लिए पानी के स्थान पर विशेष प्रकार के द्रव्य का प्रयोग किया जाता है।

डिस्टेंपर पेंट से दीवारों को रंगने से पूर्व प्राइमर कोटिंग की आवश्यकता नहीं होती है। इसे सीधे सीमेंट प्लास्टर  किये हुए दिवार पर किया जा सकता है। ये पेंट धूप की रोशिनी में सूखने के बाद दीवारों पर दरार या पपड़ी नहीं छोड़ते हैं। इन खासियत के अतिरिक्त ये पेंट सस्ते एवं लम्बे समय तक एक सामान बने रहते हैं।

डिस्टेंपर पेंट के प्रकार Distemper Paint ke Prakar

डिस्टेंपर पेंट निम्नलिखित प्रकार के होते हैं –

  • ऐक्रेलिक डिस्टेंपर पेंट  Acrylic Distemper Paint

पानी आधारित पेंट होने के कारण ये पेंट बाहरी दीवारों को रंगने के लिए ज्यादा पसंद नहीं किया जाता है। यह पेंट घर के भीतरी दीवारों को पेंट करने के लिए सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। इस पेंट में रंगों के 1000 से ज्यादा शेड्स उपलब्ध हैं। ये साधारण डिस्टेंपर पेंट के मुकाबले ज्यादा टिकाऊ एवं दीवारों पर  एकसार चिकना लुक प्रदान करते हैं। कम कीमत में मिलने वाला ये पेंट सूखने के बाद हाथ एवं कपड़ों पर रंग नहीं छोड़ता है। इसी खासियत की वजह से ऐक्रेलिक डिस्टेंपर पेंट सबसे ज्यादा पसंद किये जाते हैं।

  • सिंथेटिक  डिस्टेंपर पेंट  Synthetic Distemper Paint

ये एक पानी के बेस्ड डिस्टेंपर पेंट है। इसमें मनचाहा रंग पाने के लिए सफ़ेद रंग के पेंट में एप्कोलीट यूनिवर्सल स्ट्रेनर मिलाकर तैयार किया जा सकता है। ये रंग वर्षों तक अपनी आभा बनाए रखते हैं। इनसे रंगने के बाद दिवार पर स्मूथ मैट फिनिंश आती है। इसके अतिरिक्त यदि दिवार पर दाग-धब्बे लग जाए तो केवल पानी की सहायता से साफ़ किया जा सकता है।

  • यू एन ओ  ऐक्रेलिक डिस्टेंपर पेंट  UNO Acrylic Distemper Paint

इस पेंट में 950 से अधिक प्रकार के रगों के शेड्स पाए जाते हैं। पानी आधारित पेंट होने के कारण घर के भीतरी दीवारों के लिए उपयुक्त होता है। इस पेंट से दीवारों की रंगाई करने पर वर्षों तक रंग फीके नहीं पड़ते हैं। यदि दीवारों पर दाग – धब्बे लग जाएँ तो गीले कपड़े से पोछ कर साफ़ किया जा सकता है।

प्लास्टिक पेंट्स  Plastic Paint kya hai

प्लास्टिक पेंट

प्लास्टिक पेंट में रंजक  (डाई ) , रेसिन (राल) , विलायक और एडिटिव्स के मिश्रण से बनाया जाता है। इसे इमल्शन पेंट भी कहते हैं। पानी आधारित ये पेंट  घर के बाहरी और भीतरी दीवारों को रंगने के लिए उपयुक्त होते हैं। इस पेंट के प्रयोग से घर की दीवारों को रॉयल एवं मैट फिनिश लुक दिया जा सकता है। प्लास्टिक पेंट की 1600 से अधिक शेड्स बाज़ार में उपलब्ध है।

प्लास्टिक पेंट इंटीरियर प्लास्टर, ब्रिक वर्क की हुई दीवारों पर शानदार लुक प्रदान करते हैं। ये पेंट फुफुन्द युक्त हल्की सीलन वाली दीवारों के लिए भी उपयुक्त है। यह पेंट तीन से चार वर्ष तक दीवारों की रौनक बनाए रखता है। इसके अतिरिक्त यदि प्लास्टिक पेंट की हुई दीवार पर लगे दाग – धब्बे हटाने के डिटर्जेंट पाउडर कपड़े में लगाकर साफ़ किया जा सकता है।

प्लास्टिक पेंट से दीवारों को रंगने के लिए पहले प्राइमर की एक कोट करनी होती हैं। फिर दूसरी कोट पुट्टी की इसके बाद तीसरी कोट फिर से प्राइमर की करने के बाद अंत में चौथी कोट प्लास्टिक पेंट की की जाती है।  सामान्यतः प्लास्टिक पेंट तीन प्रकार के फिनिश लुक में बाज़ार में उपलब्ध है –  सॉफ्ट शीन , विनाइल मैट, विनाइल सिल्क ।

डिस्टेंपर पेंट और प्लास्टिक पेंट में समानता Distemper Paint Aur Plastic Paint mein Samanta

  •  दोनों हीं पानी आधारित पेंट हैं।
  • इन दोनों प्रकार के पेंट लम्बे समय तक दीवारों पर टिके रहते हैं।
  • दोनों प्रकार के पेंट में रंगों के चुनाव के विशाल रेंज उपलब्ध है।
  • दोनों हीं पेंट पर लगे दाग – धब्बे छुड़ाए जा सकते हैं।
  • दोनों प्रकार के पेंट से दीवारों की रगाई करवाने से आयल पेंट पेंट जैसी कैमिकल की बदबू नहीं आती है।

डिस्टेंपर पेंट और प्लास्टिक पेंट में अंतर  Distemper Paint Aur Plastic Paint mein Antar

  • प्लास्टिक पेंट  डिस्टेंपर पेंट के मुकाबले ज्यादा समय तक दीवारों पर टिकी रहती है।
  • प्लास्टिक पेंट में चमक होने के कारण दीवारों पर प्लास्टर की खराब फिनिशिंग छुप जाती है।
  • प्लास्टिक पेंट फुफुन्द युक्त दीवारों पर के लिए भी उपयुक्त होती है। जबकि डिस्टेंपर पेंट ऐसी दीवारों पर करवाने से पपड़ी बन कर गिरने लगती हैं।
  • डिस्टेंपर पेंट किये हुए दिवार पर लगे निशान पानी से गीले कपड़े से हटाये जा सकते हैं। जबकि प्लास्टिक पेंट किये हुए दीवारों पर लगे दाग – धब्बे को डिटर्जेंट पाउडर से हटाया जा सकता है।
  • प्लास्टिक पेंट डिस्टेंपर पेंट की तुलना में महँगे होते हैं। इस पेंट से दीवारों पर सिल्की , स्मूथ एवं ग्लॉसी मैट फिनिश का लुक आता है।
  • डिस्टेंपर पेंट से दिवार को रंगने से पूर्व प्राइमर की आवश्यकता नहीं होती हैं। जबकि प्लास्टिक पेंट से दीवारों को रंगने से पूर्व प्राइमर एवं पुट्टी की कोटिंग आवश्यक होती है।