Interior Painting Process इंटीरियर पेंटिंग की प्रक्रिया

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इंटीरियर पेंटिंग PIC

Interior Painting Process इंटीरियर पेंटिंग की प्रक्रिया

इंटीरियर पेंटिंग करने से पहले दीवारों एवं सीलिंग की सतह को पूरी तरह से समतल करना आवश्यक है। इसके बाद सबसे महत्वपूर्ण है पेंटिंग के लिए प्रयोग किये जाने वाले उपकरण का अच्छी क्वालिटी का होना। क्योंकि यदि पेंट अप्लाई करने वाले ब्रश , रोलर खराब क्वालिटी के होंगे, तो दीवारों पर पेंटिंग की फिनिशिंग अच्छी नहीं आएगी। इसके बाद पेंट का लम्बे समय तक दीवारों की सतह पर टिके रहने के लिए आवश्यक है, प्राइमर एवं पेंट की प्रत्येक कोटिंग के बीच सूखने के लिए समय देना। इसके अतिरिक्त बारिश के मौसम में पेंटिंग की प्रक्रिया नहीं शुरू करनी चाहिए। क्योकि ऐसे मौसम में पेंट सूखने में ज्यादा समय लगता है। तो आइये जाने इस इस लेख के माध्यम से इंटीरियर पेंटिंग प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी।

पेंट से पहले प्राइमर एवं पुट्टी आवश्यक क्यों है Paint Se Pahle Primer Evam Putty Aavashyak kyon Hai

इंटीरियर पेंटिंग नए बने घर या फिर पहले से पेंट दीवारों एवं सीलिंग के पेंट खाराब हो जाने पर किया जाता है। इन दोनों स्थितियों में पेंटिंग से पूर्व दीवारों एवं सीलिंग की सतह को पुट्टी , प्राइमर एवं रिपेयर या सीलिंग आदि के द्वारा तैयार करने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। दीवारों पर प्राइमर की कोटिंग करने से सतह चिकनी हो जाती है। जिससे पेंटिंग के दौरान पेंट की खपत कम होती है।

इसके बाद दीवारों के दरार एवं मामूली छेद आदि भरने के लिए पुट्टी की कोटिंग की जाती है। नए दीवारों पर पुट्टी की दो कोटिंग करने के बाद फिर से प्राइमर की एक कोटिंग दीवारों को चिकना बनाने के लिए की जाती है। पुट्टी एवं प्राइमर की कोटिंग पेंटिंग से पूर्व करने से दीवारों पर पेंट ज्यादा समय तक टिकी रहती है। इसके अतिरिक्त दीवारों पर सीलन के कारण दरारे एवं फंगस लगने की समस्या का भी सामना नहीं करना पड़ता है। फ्रेश पेंटिंग और पेंट किये हुए दीवारों को पुनः पेंट करने से पहले प्राइमर के प्रकार का ध्यान रखना आवश्यक है।

नए बने घर की इंटीरियर पेंटिंग प्रक्रिया Naye Bane Ghar ki Interior Painting Prakriya

पहला चरण :

  • नयी प्लास्टर की हुई दीवारों पर 3- 6 महीने के बाद पेंटिंग की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। यदि सीमेंट की पर्त ठीक तरह से सूखी नहीं होगी, तो सीमेंट में मौजूद रसायन पेंट को दीवारों पर टिकने नहीं देते हैं।
  • नयी प्लास्टर की हुई दीवारों की सतह को सैंड पेपर से स्क्रबिंग के द्वारा धूल एवं सीमेंट के कण को पूरी तरह से साफ़ करना चाहिए।
  •  दीवार की सतह पर पहली  कोट पानी आधारित प्राइमर की  करने के बाद कम से कम २ घंटे के लिए सूखने देना चाहिए।
  • फिर दूसरी कोट पुट्टी की करने के बाद लगभग 4 घंटे तक सूखने के लिए छोड़ देना चाहिए। पूरी तरह से सूखने के बाद सैंड पेपर से स्क्रब करके सतह को समतल कर देना होता है।
  • अब तीसरी कोटिंग फिर से पानी आधारित प्राइमर की करने के बाद सूखने के लिए छोड़ देना होगा।
  • अब दीवार पेंटिंग के लिए तैयार हो जायेगी।

दूसरा चरण

  • दीवारों के लिए पेंट खरीदते समय आपको पेंटर या पेंट विक्रेता से पेंटिंग के लिये प्रयोग किये जाने वाले ब्रश या रोलर के नेप की थिकनेस के बारे में जानकारी लेना आवश्यक होगा। क्योकि  एल्केड पेंट और आयल बेस्ड पेंट के लिये सिंथेटिक ब्रिशाल्स वाले ब्रश और रोलर नेप उपयुक्त होते हैं। दीवारों पर पेंट की बेस्ट फिनिश लुक प्राप्त करने में पेंट जितना महत्वपूर्ण है। उतना हीं पेंट करने के लिए उपयोग किये जाने वाले उपकरण भी मायने रखते हैं।
  • पेंट की जाने वाले सतह के अनुसार पेंट की खरीदारी एक बार हीं कर के उसे पेंटिंग के लिए एक बड़े कंटेनर में मिक्स करके तैयार कर लेना चाहिए। इससे रंग की शेड में अंतर होने का खतरा नहीं रहता है।
  • पेंट को सतह के बाहर फैलने से रोकने के लिए आप पेंटर टेप को सतह के किनारों पर लगा देना ठीक रहता हैं। अब ब्रश या रोलर की सहायता से पेंट की एक कोटिंग करने के बाद सूखने के लिए छोड़ना होगा।
  • इसके बाद पेंट की दूसरी कोटिंग करनी होगी। पेंट ब्रश या दीवार से पेंट को पोछने के लिए सिंथेटिक कपड़े का प्रयोग करना चाहिए। कॉटन कपड़े का प्रयोग करने से धागे का ब्रश या दीवार में छिपकने का डर रहता है।

पेंट की हुई दीवार को पुनः पेंट करना Paint ki Hui Diwar ko Punah Paint karna

पहला चरण 

  • सबसे पहले दीवार एवं सीलिंग की सतह से पुराने पेंट को सैंड पेपर से स्क्रब करके निकालना होगा। यदि दीवार की पेंट हटी न हों, तब भी सीलन युक्त दीवारों की पेंट सतह से हट जाने के कारण ढीली हो जाती है। ऐसे में दीवारों की सतह को थपथपा कर देखने से पता लगाया जा सकता है। ऐसे पेंट को भी हटा कर दीवार की सतह को सैंड पेपर से समतल कर लेना होगा।
  • यदि दीवार एवं सीलिंग की सतह में दरार हो या पानी रिसने की समस्या हो तो पुट्टी की सहायता से फिलिंग करने के बाद सूखने के लिए छोड़ना होगा इसके बाद सैंड पेपर से स्क्रब करके दीवारों की सतह को समतल करना होगा
  • यदि दीवारों एवं सीलिंग की सतह पर फुफुन्द लगी हो तो पानी में ब्लीचिंग पाउडर मिलाकर सतह को स्पोंज से लगाने के 8 घंटे बाद साफ़ पानी से  धोकर सूखने के लिए छोड़ देना होगा

दूसरा चरण 

  • अब दीवार की सतह पर  सोलवेंट बेस्ड प्राइमर की एक कोट करनी होगी।
  • प्राइमर की कोटिंग सूखने के बाद दीवार पेंट करने के लिए तैयार हो जायेगी।
  • यदि दीवार की सतह पर डिस्टेंपर या सीमेंट पेंट किया गया हो। तो पुनः पेंट करने से पूर्व पेंट को पुर्णतः सैंड पेपर से साफ़ करना आवश्यक है। इसके बाद प्राइमर की एक कोटिंग अनिवार्य होगी।
  • इसके अतिरिक्त यदि दीवार पर आयल पेंट या सिंथेटिक इमल्सन पेंट ख़राब न हुआ हो, तो उसे पूरी तरह से स्क्रब करने की आवश्यकता नहीं होती है। इस स्थिति में केवल पेंट की चिकनाहट को समाप्त करने के लिए सैंड पेपर का प्रयोग करना होता है। इसके बाद प्राइमर की कोटिंग की भी आवश्यकता नहीं होती है।

तीसरा चरण 

  • अब आप दीवार पर अपने मनचाहे पेंट की पहली कोटिंग करने के बाद अच्छी तरह सूखने के लिए छोड़ देना होगा। पेंट की पहली कोट सूखे बिना दूसरी कोट करने से दीवारों पर पेंट में शिकन एवं धब्बे नज़र आयेंगे।
  • पेंट की कोटिंग ज्यादा मोटी नहीं करना चाहिए इससे दीवार की सतह पर पेंट का सॉफ्ट सिल्की लुक नहीं प्राप्त होता है।
  • इसके बाद पेंट की दूसरी कोटिंग करने के बाद आपकी पेंटिंग प्रक्रिया पूरी हो जायेगी।

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